मंडी जिले के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल संवर्धन व प्रोत्साहन पर बल
मंडी, 9 फरवरी। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में मंडी जिले में 8850 आवेदनों का अनुमोदन किया गया है। जिला स्तरीय कमेटी के अनुमोदन के उपरांत अब इन्हें स्वीकृति के लिए राज्य स्तरीय समिति को भेजा जाएगा । यह जानकारी उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय कमेटी की बैठक के बाद दी।
बता दें, मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का भी इस ओर विशेष जोर है कि प्रदेश में पारंपरिक कारीगरी को संरक्षण और कारीगरों को प्रोत्साहन दिया जाए। जिससे कारीगरों का कौशल बढ़े और उनके जीवन में आर्थिक मजबूती आए। इसके लिए प्रदेश और केंद्र की सभी योजनाओं का समुचित लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाने लिए काम किया जा रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अन्तर्गत जिले के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को संरक्षित करने में मदद करने के उद्देश्य से प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके योजना से जुड़कर कारीगर अपने व्यवसाय का विस्तार, उपकरणों में निवेश और अपनी कारीगरी को बढ़ा सकेंगे।
योजना में शामिल हैं 18 व्यवसाय
योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। इनमें पत्थर तोड़ने और तराशने का काम, लोहार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, धोबी, दर्जी, नाई आदि व्यवसाय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना में कारीगरों को आईडी कार्ड के जरिए पहचान दिलाई जाएगी। साथ ही उन्हें 5 प्रतिशत के रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख (पहली किस्त) और 2 लाख (दूसरी किस्त) तक के ऋण की सहायता दिए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
बैठक में सहायक निदेशक, एमएसएमई चम्बाघाट, अशोक कुमार तथा सहायक निदेशक, कौशल विकास उद्यमिता, शिमला मोहिन्दर लाल ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। वहीं, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के डोमेन विशेषज्ञ कपूर चंद, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, मंडी ओपी जरयाल, प्रबंधक संतोष जम्वाल तथा अग्रणी बैंक मंडी के प्रतिनिधि उपायुक्त कार्यालय के वीसी कक्ष में उपस्थित रहे।