रोहित सागर (शिमला।)
शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में पिछले साल गर्मियों में पानी की टैंकर आपूर्ति में हुए घोटाले को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। जल शक्ति विभाग में कथित तौर पर गड़बड़ियों के चलते सरकार ने दोहरी जांच के आदेश दिए हैं। जहां अधीक्षण अभियंता (एससी) कसुम्पटी को विभागीय जांच का जिम्मा सौंपा गया है, वहीं विजिलेंस विभाग ने भी मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।
विजिलेंस ने इस घोटाले में शामिल अधिकारियों और ठेकेदारों को पूछताछ के लिए बुलाया है। आशंका है कि इस मामले में कुछ नेताओं की भी संलिप्तता हो सकती है। टैंकर आपूर्ति के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए, वे मोटरसाइकिल, कार और यहां तक कि एक अधिकारी की गाड़ी के नंबर थे।
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सेवानिवृत्ति के नजदीक पहुंचे कुछ अधिकारियों को जांच पूरी होने तक पेंशन और भत्तों से वंचित रहना पड़ेगा।
मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग से भी रिकॉर्ड मांगा है। यह घोटाला 1 करोड़ से अधिक का हो सकता है।
विशेष संवाददाता