*
*पवन देवगन ठाकुर*
29 अप्रेल: सुंदरनगर में जल शक्ति विभाग ने लोगों को पानी के संकट में डाल दिया है। बीते कई दिनों से पेयजल की किल्लत का झूठा ड्रामा रच कर लोगों को पीने के पानी की बूंद बूंद के लिए तरसाया जा रहा है। ताकि सरकार के दबाव में झील के गंदे पानी की 24 करोड़ रुपए की योजना को जस्टिफाई कर सुंदरनगर पर थोपा जा सके। सुंदरनगर के जल शक्ति विभाग पर यह गंभीर आरोप एआईसीसी के सदस्य एवं सुंदरनगर के पूर्व विधायक सोहन लाल ठाकुर ने लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि पीने के पानी को लेकर जल शक्ति विभाग द्वारा शहर में पानी का संकट बताने का फर्जीवाड़ा कर लोगों को पानी सप्लाई के लिए परेशान किया है। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन आने के सपने दिखा कर सत्ता में आई भाजपा की सरकार के दौर में सीधे लूट हो रही है। चहेते और भाजपा कार्यकर्ताओं को ठेके देकर सरकार के संसाधान लूटे जा रहे है।
उन्होंने कहा कि सुंदरनगर शहर में पीने के अच्छे और स्वच्छ प्राकृतिक पेयजल को छोड़ कर स्वार्थ सीधी के लिए देवभूूमि के लोगों को पानी पिलाने में भी साजिश की जा रही है। पानी का संकट पैदा किया गया और इस परेशानी से निकलने के लिए जल शक्ति विभाग की फेल हो चुकी सिंचाई योजना के पंपिंग मशीनरी के द्वारा सिंचाई वाले बीबीएमबी शीश महल के निकट से झील के पानी को लोगों के लिए 24 करोड़ की लागत का ठेका अपने चहेतों को दिया। इस सारे फर्जीवाड़े को जस्टिफाई करने के लिए कोरोना संकट के दौर से साजिशें रची गई है।
बीते वर्ष भारी विरोध को देखकर जल शक्ति विभाग ने इस योजना को थोपने के लिए नया ड्रामा रचा है। विभाग द्वारा पहले जल संकट का बहाना बनाया और लोगों को इन दिनों पानी के संकट में डालकर पीने के पानी की बूंद बूंद के लिए तरसाया जा रहा है ताकि लोग चिल्लाएं और इस आड़ में पेयजल की पूर्ति करने के लिए झील के सड़े गंदे पानी की इस योजना को शुरू कर दें।
आरोप है कि बीते दिनों सरकार के एक मंत्री शहर को 24 घंटे पानी सप्लाई करने की बात कह के गए हैं और यह ड्रामा इस योजना को थोपने के लिए रचा गया। उन्होंने कहा कि 6 अप्रैल को सुंदरनगर में राज्य स्तरीय देवता मेले के दौरान अन्य उद्घाटन और शिलान्यास होने के साथ साथ इस योजना को शुरू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। क्योंकि इसका विरोध पुराना बाजार सहित नगर परिषद के हर वार्ड और क्षेत्र के लोगों द्वारा किया गया था।
सोहन लाल ठाकुर ने हैरानी जताई कि मुख्यमंत्री भी मूकबधिर की तरह इसे देख रहे हैं। करोड़ों की राशि चहेते ठेकेदारों को ऐसे कामों में बांटी जा रही है जिसे जनता को लाभ या फायदा देने की बजाय नुकसान हो रहा है।करोड़ों के कई काम है जो ठेकेदारों को लाभ देने के लिए किए गए। जबकि पूरा प्रदेश महामारी के संकट के कारण आर्थिक तंगी और कर्ज से चल रहा था। उन्होंने कहा इन दिनों मलोह के नालनी से निकलने वाले पानी को विभिन्न दूसरे इलाकों में सप्लाई किया गया और विभाग से प्राकृतिक जल स्रोतों की आपूर्ति करने की मांग के चलते अधिकारी भी ड्रामा रच रहे हैं। यह चिंताजनक है तथा अधिकारियों को कार्यकर्ता के रूप में काम करते से बचना चाहिए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सरकार के मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्रियों के ऊपर कर्ज से पैसे से अंटसंट कामों को अंजाम देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ऐसे काम जो किसी को फायदे मंद सिद्ध नहीं हो रहे हैं उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है।