राजीव बहल जोगिंदर नगर
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा 11 अगस्त को प्रातः सूर्योदय के साथ चतुर्दशी तिथि रहेगी तथा 10:58 से पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी पूर्णिमा तिथि के साथ ही भद्रा आरंभ हो जाएगी जो कि सायं 8:50 तक रहेगी।
इस बारे विस्तृत जानकारी देते हुए विश्व विख्यात हस्त रेखा विशेषज्ञ तथा ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ लेख राज शर्मा ने बताया कि शास्त्रों में भद्रा काल में श्रावणी पर्व मनाने का निषेध कहा गया है तथा इस दिन भद्रा का काल सायं 8:50 तक रहेगा इस समय के बाद ही राखी बांधना ज्यादा उपयुक्त रहेगा।
इस बार भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में नहीं होकर पाताल लोक में है अतः भूलोक पर इसका इतना प्रभाव नहीं रहेगा रक्षाबंधन पर घटित होने वाली भद्रा वृश्चिकी भद्रा है सर्पिणी भद्रा नहीं होने से इसके मुंख में रक्षाबंधन मनाया जा सकता है क्योंकि बिच्छू के पुंछ में विष होता है अतः वृश्चिकी भद्रा की पूछ त्याज्य है। यद्यपि शास्त्रानुसार 11 अगस्त को रात्रि 8:50 के बाद भद्रोत्तरम ( भद्रा के उपरांत) राखी बांधी जाना अधिक उपयुक्त है परंतु आवश्यक परिस्थिति में सायं6:08 से रात्रि 8:00 बजे तक भद्रा मुख में राखी बांधी जा सकती है।