राजीव बहल,जोगिंदर नगर
शहर के सनातन धर्मसभा मंदिर में चल रही श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथावाचक महात्मा श्री राम मोहनदास रामायणी ने कहा कि प्रभु श्रीराम की कथा हमें जीवन की कला भी सिखाती हैं श्री राम के चरित्र पर आधारित यह कथा हमारे जीवन में नवाचार भी लाती है कहा कि राम का नाम मोक्ष प्राप्त करने का सबसे सरल साधन हैं है। इसका सिमरन करने से परिवार में सुख समृद्धि व जन्म जन्मांतरों के कष्ट भी पलभर में समाप्त हो जाते हैं। मंगलवार को कथावाचक राम मोहनदास रामायणी ने कहा कि राम नाम की महिमा हर घर में जागृत हो इसलिए संत समाज के द्वारा इनकी महिमा का गुणगान ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों में लगातार किया जा रहा है। उन्होंने संतों को राष्ट्र व धर्म के अनुयायी बताते हुए इनके द्वारा दी जा रही शिक्षा का गहनता से स्मरण करने का भी आहवान किया। मंगलवार को दोपहर दो बजे भजन व संकीर्तन से शुरू हुई श्रीराम कथा में जोगिंदर नगर शहर व नजदीकी गांव के रामभक्तों ने बढ़चढ़ कर उपस्थिति दर्ज करवाई। करीब तीन घंटे की कथा में प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण व माता सीता के चरित्र पर महात्मा राम मोहनदास के द्वारा दी गई जानकारी से उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी कुछ सवाल जवाब किए । कथा के समापन से पहले कथावाचक व महात्मा राम मोहनदास रामायणी ने रामचरित्र को अपने जीवन में धारण करने को लेकर भी अपना संबोधन किया। देर शाम पांच बजे प्रभु श्रीराम की महाआरती उतारकर दूसरे दिन की कथा का समापन हुआ। शहर के सनातन धर्मसभा मंदिर में श्रीराम कथा का यह सिलसिला नौ अक्तूबर तक जारी रहेगा। आयोजक समिति में शामिल राजीव शर्मा, प्यार चंद, हरीश बहल, विनोद शर्मा रमन बहल रूपेश सेन ने बताया कि पित्रदोष निवारण भी इस धार्मिक अनुष्ठान के दौरान होता रहेगा।