केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखित प्रस्ताव सौंपकर 1940 के दशक के अस्पताल में ट्रामा सैंटर खोलने की उठाई मांग
राजीव बहल,जोगेंद्रनगर
नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर का दर्जा बढ़ाकर उसमें स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार लाने की मांग रोटरी कल्ब जोगेंद्रनगर ने उठाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडव्य को लिखित प्रस्ताव सौंपकर रोटरी कल्ब के अध्यक्ष रामलाल वालिया ने 200 बिस्तरों की सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता से अवगत करवाकर अस्पताल में एमआरआई, सीटी स्कैन जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतू मुलाकात की।
उनके साथ रोटरी कल्ब के पूर्वाध्यक्ष अजय ठाकुर ने बताया कि 1940 के दशक के अस्पताल में द्रंग हल्के की चौहारघाटी के अलावा मंडी पठानकोट हाईवे पर घटना व दुर्घटना से घायलों के अलावा साथ लगते चौंतड़ा, पधर व लडभड़ोल अस्पताल के रोजाना 400 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं जिन्हें अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भी मंडी व पालमपूर की दौड़ लगानी पड़ रही है। रोटरी के सचिव एनआर बरवाल ने बताया कि ट्रामा सैंटर की सुविधा इस अस्पताल में नहीं है और 70 से 80 किलोमीटर दूर नेरचोक व टांडा स्थित अस्पतालों में उपचार के दौरान मरीजों की मौत के कई मामले सामने आ चुके हैं लिहाजा जोगेंद्रनगर अस्पताल में ही आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाकर गंभीर मरीजों को राहत प्रदान करवाएं। रोटरी के अध्यक्ष रामलाल वालिया के द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडव्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से मिलने वाली ग्रांट का भी जिक्र किया गया है ताकि मौजूदा अस्पताल में अधूरी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का लाभ मिल सके।
सौ बिस्तरों वाले अस्पताल में आईसीयू, ब्लड बैंक की सुविधा अभी नहीं
मंडी पठानकोट हाईवे के सटे सौ बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में अभी आईसीयू व ब्लड बैंक की सुविधा तक नहीं है। ऐसे में गंभीर घायलों को उपचार दिलाने के लिए अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक भी परोशान है। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत कुल 16 चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं। बावजूद उसके भी रोजाना मरीज टांडा व नेरचोक अस्पताल में रैफर हो रहे हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ देवेंद्र ने बताया कि सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में ट्रामा सैंटर की सुविधा अगर मिलती है तो यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ चौहारघाटी के मरीजों को भी मिलेगा।