संवाददाता/सुभाष शर्मा
सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कीट विज्ञान विभाग द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शमरोड़ में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम को संस्थागत विकास योजना द्वारा प्रायोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान डॉ संजीव चौहान रहे।

आईडीपी परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ केके रैना और कीट विज्ञान विज्ञान विभाग के हैड डॉ सुभाष वर्मा इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रहे। इस कार्यक्रम में प्रदर्शनी लगाकर छात्रों को मधुमक्खियों के बारे में जागरूक किया गया। कीट विज्ञान विभाग ने मौन पालन पर जानकारी स्कूल के छात्रों से साझा की और प्रबंधित परागण और शहद उत्पादन में मधुमक्खियों की भूमिका और आर्थिक महत्व के बारे में समझाया।
विश्व मधुमक्खी दिवस हर साल मनाया जाता है ताकि मधुमक्खियों को संरक्षित रखने के लिए ठोस कार्रवाई और मधुमक्खियों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। खाद्य सुरक्षा का भविष्य मधुमक्खियों पर निर्भर करता है क्योंकि वे सबसे बड़े परागणक हैं। विभिन्न मधुमक्खी उत्पादों और मधुमक्खियों के महत्व के बारे में स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को बताया। मधुमक्खियों सबसे अच्छे परागणकों में से एक हैं, जो परागण समर्थन के माध्यम से विभिन्न कृषि और बागवानी फसलों की उपज बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा,यह ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न फसलों की पैदावार बढ़ाने और शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों को उपलब्ध कराने के माध्यम से आय और रोजगार प्रदान करती हैं।
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के लिए पोस्टर और स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। विश्वविद्यालय के ई॰एल॰पी॰ छात्रों ने कीटनाशकों से मधुमक्खियों पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में एक लघुनाटिका प्रस्तुत की और सभी से मधुमक्कियों के संरक्षण के लिए प्रण लेना का अनुरोध किया। इस कार्यक्रम में डॉ किरण राणा और डॉ मीना ठाकुर भी शामिल हुए।

