संवाददाता/वीरेन्द्र ठाकुर
बल्ह,02 जून:ग्राम पंचायत लोहारा में 30 तारीख को पंचायत का जनरल हाउस हुआ उसमें पंचायत के प्रधान और पंचायत की कार्यकारिणी ने यह शर्त रखी कि जो आज पंचायत में बीपीएल सूची वाले लोग उपलब्ध होंगे उनके ऊपर ही कार्रवाई की जाएगी लेकिन जनरल हाउस खत्म होने के बाद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ग्राम पंचायत लोहारा के प्रधान और सचिव तथा जीआरएस ने शाम 5 बजे के बाद अपनी मर्जी से छटनी की और जो प्रार्थी बीपीएल के लिए चयनित किए गए थे
उनके नाम हटा कर अपनी मर्जी से उसमें नए लोगों को डाल दिया जो की बीपीएल के दायरे में आते भी नहीं। जब दूसरे दिन योगराज निवासी पंचायत लोहारा अपना बीपीएल सर्टिफिकेट लेने पंचायत पहुंचा तो उसे पता चला की उसका नाम बीपीएल की सूची से हटा दिया गया है। युवराज के अनुसार जब पंचायत सचिव और प्रधान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह काम बीडीओ साहब के कहने पर किया गया है। जबकि योगराज एक अनाथ परिवार से आता है जिसके माता पिता बचपन में ही गुजर गए थे और योगराज ने अपनी पढ़ाई सुंदरनगर अनाथ आश्रम से दसवीं तक की है। उसके बाद वह अपनी पंचायत में एक पुराने मकान में रह रहा है और दिहाड़ी कमाकर अपना गुजर बसर कर रहा है।यहां तक कि योगराज के पास अपनी कोई जमीन भी नहीं है। इसलिए वह बीपीएल के लिए एक योग्य पात्रता रखता है।ऐसा ही वाक्या एक और अनाथ व्यक्ति के साथ भी पेश आया है जो कि उसी पंचायत का है। इसके बारे में एक प्रतिनिधिमंडल बल्ह विधायक इंदर सिंह गांधी के पास शिकायत लेकर गया तो उन्होंने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले के बारे में उच्च अधिकारियों से बात करके इसकी छानबीन करवाऊंगा।
बल्ह विधायक इन्द्र सिंह गांधी ने कहा कि यह कौन सी सुख आश्रय वाली सरकार है जो कि दावा तो यह करती है कि अनाथों को आश्रय, बेघरों को घर देगी लेकिन यहां तो उससे विपरीत ही हो रहा है। जो अनाथ है उनको बीपीएल की सूची से बाहर किया जा रहा है और जो सक्षम है उनको बीपीएल की सूची में लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले अन्य दूसरी पंचायतों से भी सामने आ रहे हैं। पिछले कई महीनों से विकास कार्य रुके पड़े हैं जिनका सीमेंट पंचायतों में पहुंच चुका है लेकिन सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार अभी काम रोक रखा है। यही हाल लोक निर्माण व जल शक्ति विभाग सहित सभी विभागों का भी हो रखा है।