ब्यूरो शिमला /संजय सिंह
हिमाचल प्रदेश में मनरेगा में रुके विकास कार्य अब रफ्तार पकड़ेंगे। केंद्र सरकार ने इस साल की पहली किस्त जारी कर दी है। कुल 152.42 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें सामग्री घटक के रूप में 135.31 करोड़ रुपये शामिल हैं। 17.10 करोड़ रुपये प्रशासनिक कंटीजेंसी के रूप में दिए गए हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मनरेगा निदेशक धर्मवीर झा ने इस संबंध में प्रधान सचिव वित्त को पत्र जारी किया है।इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि कुशल और अर्धकुशल श्रमिकों की दिहाड़ी सहित 75 फीसदी केंद्र सरकार का शेयर होगा तो 25 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होगा। जिला स्तर पर निर्माण सामग्री का हिस्सा 40 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ना चाहिए। गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ जिलों में मनरेगा मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिली है। अब वह भी जारी हो जाएगी। इससे उन्हें राहत मिलेगी।उल्लेखनीय है कि प्रदेश में मनरेगा के तहत सड़कों, पुलों, वर्षाशालिकाएं, रास्तों का निर्माण, टैंक आदि विकास कार्य किए जाते हैं। पैसा जारी होने से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यों में तेजी आएगी। मनरेगा के तहत निर्माण सामग्री के अभाव में लंबे समय से काम अटके पड़े थे। केंद्र से यह राशि मिलते ही सभी विकास खंडों और पंचायतों को जारी कर दी गई है।