संवाददाता/साहिल चौधरी
चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के प्रयासों से प्रगतिशील सब्जी उत्पादक गरीब दास को केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से एक लाख की धनराशि का राष्ट्रीय सम्मान मिलेगा। उपमंडल बैजनाथ के पपरोला के निकट बुहली कोठी गांव के प्रगतिशील किसान गरीब दास को यह सम्मान भारत सरकार द्वारा सिंतबर माह में प्रदान किया जाएगा। कुलपति प्रो.एच.के. चौधरी ने यह खुलासा करने के बाद विश्वविद्यालय में कृषिदूत गरीब दास और उनकी धर्मपत्नी सिमरी देवी को हिमाचली शाल से सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि गरीब दास 40 वर्षों से अधिक समय से देसी खीरा (पारंपरिक ककड़ी) की खेतीकर रहे हैं, जिसे पपरोला खीरा के नाम से जाना जाता है और इस स्थानीय पारपंरिक प्रजाति की शुद्धता को संरक्षित कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय ने पिछले दो वर्षों में पपरोला खीरा के सभी बागवानी और गुणवत्ता मानकों का वैज्ञानिक रूप से परीक्षण करते हुए पंजीकरण के लिए पौधा विविधता और किसान अधिकार संरक्षण प्राधिकरण (पीपीवीएफआरए) को सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए और पीपीवी और एफआरए प्राधिकरण को ‘प्लांट जीनोम संरक्षक किसान मान्यता सम्मान‘ के लिए उनका नामांकन भी दाखिल किया। अब विश्वविद्यालय को इस प्राधिकरण से जानकारी मिली है कि प्रगतिशील किसान गरीब दास को एक लाख रुपये के प्रतिष्ठित ‘पादप जीनोम संरक्षक किसान मान्यता सम्मान पुरस्कार‘ के लिए चुना गया है। उन्हें 12 सितंबर को नई दिल्ली में किसान अधिकारों पर वैश्विक संगोष्ठी के दौरान सम्मानित किया जाएगा।कृषि दूत गरीब दास ने पपरोला खीरा की भूमि के संरक्षण में उनके विनम्र प्रयासों को पहचानने और आवश्यक वैज्ञानिक दस्तावेजों के साथ पीपीवीएफआरए प्राधिकरण को आवेदन जमा करने के लिए कुलपति और विश्वविद्यालय का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया। कुलपति ने डा. परवीन शर्मा, डा. देश राज चौधरी , डा. निमित कुमार और डा. रविंदर कुमार की सराहना कीजिन्होंने वैज्ञानिक रूप से पपरोला खीरा के सभी मापदंडों का परीक्षण किया और आवेदन प्रस्तुत किया। गरीब दास और उनकी पत्नी के सम्मान समारोह के दौरान अनुसंधान निदेशक डा. एस.पी.दीक्षित, प्रसार निदेशक डा. नवीन कुमार, वित्त नियंत्रक वी.आर.राठौर,डा. रविंदर सिंह चंदेल, डा. वी.के.सूद और डा. हृदय पॉल सिंह मौजूद रहे।