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शिमला में हुई मेहर सिंह की मौत को परिजनों ने बताया हत्या,जबकि पुलिस बता रही है आत्महत्

मृतक के परिवार ने लगाई मुख्यमंत्री सूक्खु से सीबीआई जांच करवाने की गुहार

पवन देवगन ठाकुर।मुख्य सम्पादक

सुन्दरनगर,14 अक्टूबर :
शिमला में प्रदेश सचिवालय की गोपनीय शाखा में अधीक्षक पद पर तैनात मेहर सिंह ठाकुर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर परिजनों ने पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप लगाए हैं। शनिवार को सुन्दरनगर आयोजित प्रेस वार्ता परिजनों ने कहा कि घटना के 16 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की है।

परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटे के अंदर इस मामले को लेकर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई तो वे आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेंगे। परिजनों ने कहा कि पुलिस इसे आत्महत्या कह रही है जबकि यह हत्या है क्योंकि मेहर सिंह ठाकुर सेना से सेवानिवृत हुए थे। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने अपनी टांग तक खो दी थी लेकिन हिम्मत नहीं हारी। ऐसे में वे आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठा सकते थे। पूरा सच मामले की जांच के बाद ही सामने आएगा। सुंदरनगर की खिलड़ा पंचायत निवासी मेहर सिंह ठाकुर का शव 30 सितंबर को सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में शिमला में बरामद किया गया था। परंतु पुलिस ने मामले को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं की है। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों तथा परिजनों में खासा रोष व्याप्त है।


मृतक मेहर सिंह की पत्नी विद्या देवी, पुत्र करण तथा पियूष, भाई तुलसी राम ने पंचायत प्रधान शेर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता रजनीश शर्मा सहित अनेक ग्रामीणों के साथ पत्रकार वार्ता करते हुए प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की है। यदि 48 घंटे के अंदर मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की तो पंचायत के लोगों के साथ मिलकर आंदोलन की चेतावनी दी है। मृतक की पत्नी विद्या देवी ने कहा कि उनके पति मेहर सिंह ने सेना में ड्यूटी के दौरान अपनी टांग खो देने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। वे शारीरिक तथा मानसिक रूप से बहुत मजबूत थे। ऐसे में वे आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठा सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस मौत को लेकर पुलिस का एफआईआर दर्ज न करना पुलिस की कार्यप्रणाली को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के अंदर मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो सभी संस्थाएं परिजनों के साथ मिलकर न्याय दिलाने के लिए आंदोलन करेंगे। वहीं पंचायत प्रधान शेर सिंह ने कहा कि मेहर सिंह का पंचायत में अपना एक रुतबा था तथा वे इस तरह का कदम नहीं उठा सकते हैं। पुलिस व सरकार मामले को लेकर तुरंत कार्रवाई करे अन्यथा पंचायत परिवार के साथ आंदोलन करेगी।

By himachalpradeshlive

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