सतलुज सेवा ट्रस्ट बिलासपुर के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 2 हजार महिलाओं ने लिया भाग
राजीव बहल ब्यूरो मंडी
जोगिंदर नगर के राम कृष्ण आश्रम लादरूही में आज नारी शक्ति संगम का आयोजन किया गया। जिसमें जिला जोगिंदर नगर की लगभग 2 हजार महिलाओं ने भाग लिया। सतलुज सेवा ट्रस्ट बिलासपुर के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जोगिंदर नगर की दीदी सुमन ने की।राजकीय महाविद्यालय की प्रवक्ता डॉ रूपा ठाकुर ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की जबकि राजकीय महाविद्यालय जोगिंदर नगर की प्रवक्ता दीप्ति कौशल और अधिवक्ता रमिता राही ने भी महिलाओं का मार्गदर्शन किया।
नारी शक्ति संगम कार्यक्रम के कांगड़ा विभाग की सह संयोजिका रमिता राही ने बताया की पूरे प्रदेश में सतलुज सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ रूपा ठाकुर ने कहा कि देश के सर्वांगीण विकास तथा भारतीय चिंतन में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।उन्होंने कहा की नारी समाज की रीढ़ है और समाज के विकास में महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई है।उन्होंने बताया कि बदलती परिस्थितियों में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।चाहे लडाकू विमान उड़ाना हो अथवा चन्द्रयान प्रक्षेपण, हर टीम में महिलाएं बढ़ चढ़ कर भाग ले रही हैं।
डॉ रूपा ने कहा कि नारी शक्ति संगम के माध्यम से सभी बहनों को एक साथ एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया है जिससे समाज व राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।
तीन सत्रों में आयोजित कार्यक्रम के प्रथम सत्र में राजकीय महाविद्यालय की प्रवक्ता दीप्ति कौशल ने महिलाओं को निरंतर हिम्मत और लग्न से आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी और भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया।उन्होंने नारी शक्ति संगम में आईं महिलाओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि प्रत्येक राष्ट्र का एक आदर्श होता है जिसको समझना आवश्यक है व इसी समझ के आधार पर राष्ट्र का उत्थान किया जा सकता है साथ ही उन्होंने वैदिक युग से वर्तमान युग तक अनेक उदाहरणों के माध्यम से राजनीति, संस्कृति, समाज व आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं के अवदान को रेखांकित किया।
भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की दीदी सुमन ने कार्यक्रम में आयी हुई बहनों को आशीर्वचन के रूप में मार्गदर्शन किया। उन्होने कहा कि भारत की नारी निराश्रित नहीं है वह तो प्रत्येक युग में समाज का नेतृत्व करती आई है और समाज व राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी पंक्ति में खड़ी रही है।
भारतीय सनातनी व्यवस्था में पली-बड़ी भारत की बेटियों ने न केवल भारत में अपितु वैश्विक स्तर पर राष्ट्र का मान वर्धन
किया है। मध्यकाल की राजनेतिक गुलामी के कारण निश्चित की गई कुछ मर्यादाओं (बाल विवाह, पर्दा प्रथा) का वर्णन करते हुए
उन्होने बताया कि ये मर्यादाएँ कुछ समय के लिए निश्चित कि गयी व जब जब भारत को नेतृत्व की आवश्यकता हुई तब तब भारत में महिलाओं ने नेतृत्व प्रदान किया चाहे स्वतन्त्रता संग्राम का समय रहा हो या स्वतन्त्रता पश्चात का समय।
उन्होने बताया कि निखारना और चमकना ही स्त्रियॉं की प्रवृत्ति है और भारतीय संस्कृति के अनुरूप ही महिलाओं ने देश का नाम चमकाया है।
अधिवक्ता रमिता रही महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका ध्यातव्य है। उन्होंने महिला उत्पीडन,महिला सुरक्षा,आधुनिकता,नशे को समाप्त करने में महिलाओं की भूमिका आदि विषयों पर विस्तार से महिलाओं का मार्गदर्शन किया।