आखिर परिवहन निदेशालय ने अश्वनी सैनी को जारी किया 0001 स्पेशल नम्बर ।
सुन्दरनगर के अश्वनी सैनी ने 2014 के उच्च न्यायलय आदेशो को लागू करवाने को पुनः 2020 में डाली थी याचिका।
(पवन देवगन ठाकुर)
सुन्दरनगर : 2012 में नियम तो था “पहले आओ पहले आओ” लेकिन अफ़सर व राजशाही इतनी हावी हुई कि अपना हक व न्याय पाने के लिए सुन्दरनगर के अश्वनी सैनी को दस वर्ष की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। हैरानी की बात यह है कि 2014 में उच्च न्यायलय ने प्रार्थी के पक्ष में आदेश दे दिए थे लेकिन ब्यूरोक्रेट्स व राजनेता इतने प्रभावशाली थे कि आगामी आठ वर्ष तक कोर्ट के आदेश को भी ठेंगा दिखाते रहे और उच्च न्यायलय के आदेश लागू तक नही होने दिए गए। आखिर प्राथी ने 2020 में जब पुनः याचिका दायर की तो उच्च न्यायलय के दबाव के चलते अब प्रार्थी को न्याय मिल पाया है।
मामला 2012 का है जो कि उस समय परिवहन विभाग के “पहले आओ पहले पाओ” के नियम तहत पेड विशेष नम्बर से सबंधित था। जिसमे सुन्दरनगर के अश्वनी सैनी ने उस समय अपने नए खरीदे महिंद्रा एक्सयूवी 500 वाहन के लिए पेड नम्बर 0001 नम्बर पाने के लिए आरएलए मण्डी,देहरा व सुन्दरनगर से उक्त नम्बर की मांग की लेकिन नम्बर उपलब्ध होने के बावजूद इन्हें विशेष नम्बर नही दिया गया।जबकि प्रभावशाली व उच्च पहुच वाले व्यक्तियों को नम्बर दे दिए गए । जिससे आहत हो प्रार्थी ने मामले से सबंधित सभी एसडीएम सुंदरनगर,देहरा, मंडी,सचिव व निर्देशक परिवहन विभाग शिमला के खिलाफ 2013 में याचिका दायर की
(सी.डब्लू.पी.9089) जिसका निपटारा करते हुए हाईकोर्ट के दो जजो की बेंच में शामिल न्यायधीष राजीव शर्मा और सुरेश्वर ठाकुर की अदालत ने परिवहन विभाग के सचिव गोपाल शर्मा (ट्रास्पोर्ट )को एच.पी.0001 नंबर जारी करने के आदेश 13 नवम्बर 2014 में जारी किए । लेकिन कई माह बीत जाने पर भी परिवहन विभाग ने नम्बर जारी नही किया। हालांकि इस दौरान नम्बर जारी करने को लाईसेंसिंग अथॉरिटी व विभाग के उच्च अधिकारियो से हाई कोर्ट के आदेशो का हवाला देते हुए कई वर्ष तक पत्राचार किया ।लेकिन विभाग ने नम्बर न देने के बजाए नई रजिस्ट्रेशन पॉलिसी बना डाली जिसमे 1 से 10 नम्बर सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित करते हुए नम्बर देने से इनकार कर दिया। आखिर अश्वनी ने पुनः 2020 में उच्च न्यायलय के समक्ष याचिका दायर की तदुपरांत कोर्ट के दबाव में परिवहन विभाग ने कैबनेट की अप्रूवल उपरांत अश्वनी को एच.पी. 33 एफ 0001 नम्बर जारी करने के आदेश एसडीएम मण्डी को जारी किए।