परियोजना के माध्यम से जड़ी-बूटियों व वनौषधियों में निवेश करने को लेकर हुई व्यापक चर्चा
राजीव बहल जोगिन्दर नगर
हिमाचल प्रदेश में विश्व बैंक पोषित 1135 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के माध्यम से राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय जोगिन्दर नगर में एक दिवसीय इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। इस इन्वेस्टर मीट के माध्यम से हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना (एचपीएचडीपी) में जड़ी बूटियों एवं वनौषधियों के माध्यम से निवेश करने के इच्छुक निवेशकों को परियोजना की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही प्रदेश में वनौषधियों के क्षेत्र में संभावित निवेशकों का मार्गदर्शन भी किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश भर से जड़ी बूटियों एवं वनौषधियों के क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 15 से 20 उद्यमियों ने भाग लिया तथा आने वाले समय में लगभग 15 से 20 करोड़ के निवेश की संभावना है।
इस बारे जानकारी देते हुए राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरूण चंदन ने बताया कि हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के माध्यम से प्राइवेट इन्वेस्टर को आकर्षित करने के लिये क्षेत्रीय एवं सुगमता केंद्र (आरसीएफसी) जोगिन्दर नगर में एक दिवसीय इन्वेस्टर्स मीट कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में एचपीएचडीपी प्रोजेक्ट के धर्मशाला स्थित एग्रीबिजनेस प्रबंधक कुमार अमित ने संभावित निवेशकों का मार्गदर्शन किया तथा इस परियोजना के माध्यम से मिलने वाली विभिन्न उपदानों एवं तकनीकी सहयोग बारे विस्तृत जानकारी दी।
कुमार अमित ने बताया कि बागवानी विकास परियोजना के माध्यम से वनौषधियों पर आधारित प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिये किसानों व बागवानों को उपदान उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत औद्योगिक या प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने को अधिकतम 60 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद की जा रही है जो परियोजना की लागत का पुरूषों के लिये 30 प्रतिशत जबकि महिलाओं एवं दिव्यांगजनों के लिये 35 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि जड़ी बूटियों एवं वनौषधियों के क्षेत्र में भी बागवानी विकास परियोजना के माध्यम से निवेश करने की संभावनाएं मौजूद हैं जिस बारे संभावित निवेशकों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया गया। साथ उम्मीद जताई कि आने वाले समय में वनौषधियों व जड़ी बूटियों के क्षेत्र में इस परियोजना में लगभग 15 से 20 करोड़ रुपये का निवेश हो सकता है।
कुमार अमित ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2018 से विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना को चलाया जा रहा है जो वर्ष 2023 में पूरी होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह परियोजना एक वर्ष के लिये बढ़ाई जा सकती है। इस परियोजना से जुड़ने के लिये किसानों, बागवानों व उद्यमियों के लिये डीपीआर जमा करने की अंतिम तिथि 5 अक्तूबर, 2022 निर्धारित की गई है।
राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरूण चंदन ने आरसीएफसी जोगिन्दर नगर में बागवानी विकास परियोजना के तहत वनौषधियों पर आधारित परियोजना स्थापित करने के लिये कार्यशाला आयोजन का आभार जताया तथा उम्मीद जताई की जड़ी बूटियों व वनौषधियों के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमी इससे लाभान्वित होंगे।
इस मौके पर डॉ. अरूण चंदन के अतिरिक्त प्रोफेसर डीआर नाग, डॉ. पंकज पालसरा, डॉ. विपिन शर्मा, डॉ. सौरभ शर्मा, एचपीएचडीपी प्रोजेक्ट से अंशुल सूद व अमन कुमार सहित जड़ी बूटियों व वनौषधियों के क्षेत्र में काम करने वाले प्रदेश भर से आए 15 से 20 उद्यमियों ने भाग लिया।