बड़ा देव हुरंग नारायण व पहाड़ी बजीर देव पशाकोट की अगुवाई में निकेलेगी देवताओं की भव्य जलेब
राजीव बहल,जोगिन्दर नगर
राज्य स्तरीय लघु शिवरात्रि मेला जोगिन्दर नगर का शुभारंभ एक अप्रैल को देवताओं की भव्य जलेब के साथ होगा। चौहारघाटी के आराध्य बड़ा देव श्री हुरंग नारायण व पहाड़ी बजीर देव श्री पशाकोट की अगुवाई में देवी देवताओं की भव्य जलेब निकलेगी। मेला समिति ने इस बार लगभग एक सौ से अधिक देवी देवताओं को मेला में भाग लेने का निमंत्रण दिया है।
इस बात की पुष्टि करते हुए मेला समिति के अध्यक्ष एवं एसडीएम जोगिन्दर नगर कृष्ण कुमार शर्मा ने बताया कि राज्य स्तरीय लघु शिवरात्रि मेला के शुभारंभ के लिए मेला समिति ने सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होने कहा कि जोगिन्दर नगर पहुंचने पर देव श्री हुरंग नारायण व देव श्री पशाकोट का भव्य स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम राम लीला मैदान समस्त देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाएगी। बड़ा देव श्री हुरंग नारायण व देव श्री पशाकोट की अगुवाई में देवी देवताओं की भव्य जलेब निकाली जाएगी तथा मेला ग्राउंड में मेले का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा।
*पहली सांस्कृतिक संध्या में हारमनी ऑफ दि पाइन्स मचाएगा धमाल, इशान्त भारद्वाज लगाएंगे पहाड़ी तुडक़ा*
एसडीएम ने कहा कि लोगों के मनोरंजन के लिए मेला समिति द्वारा चार सांस्कृतिक संध्याएं आयोजित की जा रही हैं। पहली सांस्कृतिक संध्या में पुलिस बैंड हारमनी ऑफ दि पाइन्स अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से लोगों का मनोरंजन करेगा। इसके अलावा हिमाचली लोक गायक इशांत भारद्वाज, राखी गौतम के साथ-साथ मांडव्य कला मंच के कलाकार भी धमाल मचाएंगे। उन्होने कहा कि स्थानीय कलाकारों को भी सांस्कृतिक संध्याओं के दौरान प्रस्तुति देने का अवसर प्रदान किया जा रहा है।
उन्होने बताया कि इस बार मेले के दौरान सांस्कृतिक संध्याओं को थीम आधारित आयोजित किया जा रहा है। जिनमें दूसरी सांस्कृतिक संध्या युवाओं व पहाड़ी लोक संस्कृति पर केंद्रित रहेगी। जबकि तीसरी सांस्कृतिक संध्या महिलाओं पर आधारित होगी जिसमें सभी कलाकार महिलाएं ही होंगी।
मेले के दौरान आयोजित होंगी विभिन्न खेल व सांस्कृतिक स्पर्धाएं
एसडीएम ने बताया कि मेले के दौरान स्कूलों व कॉलेजों के साथ-साथ महिला मंडलों के लिए भी विभिन्न सांस्कृतिक स्पर्धाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं।
उन्होने समस्त क्षेत्रवासियों से मेले के शुभारंभ मौके पर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए अधिक से अधिक संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के लोक उत्सव मेले व त्योहार समाज के परस्पर सहयोग से भी सफल हो पाते हैं।