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रामपुर और सराहन जाना बना मजबूरी, फिर बंद हो गई उपतहसील ज्यूरी

संवाददाता / मोनिका ठाकुर

ज्यूरी रामपुर उपमंडल के तहत भाजपा सरकार के कार्यकाल में खुला ज्यूरी उपतहसील कार्यालय बंद हो गया है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस सरकार ने कई संस्थानों को डिनोटिफाई करते हुए बंद कर दिया था। इनमें ज्यूरी उपतहसील कार्यालय भी शामिल है। मगर अब ज्यूरी उपतहसील को बंद करने के बाद क्षेत्र की जनता में लगातार आक्रोश देखने को मिल रहा है।स्थानीय लोगों का कहना है कि जनता की मांग पर पूर्व सरकार ने ज्यूरी में उपतहसील कार्यालय खोला था। कार्यालय खुलने के बाद लोगों को सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो गईं थीं, लेकिन सत्ता परिवर्तन होते ही उपतहसील कार्यालय बंद कर दिया गया। इससे ज्यूरी क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्रों सहित आठ पंचायतों के लोगों को राजस्व संबंधी कार्यों को निपटाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने बिना तथ्यों जांच की और क्षेत्र की वास्तविकता को जाने आठ पंचायतों के लोगों को सुविधा से वंचित कर दिया। तहसील से संबंधित कार्यों के लिए ज्यूरी और बधाल सहित आठ पंचायत के लोगों को फिर से 40 से 50 किलोमीटर दूर रामपुर या फिर 20-25 किलोमीटर दूर सराहन जाना पड़ रहा है। इससे समय और धन की बर्बादी हो रही है।
उन्होंने कहा कि सराहन में न तो डॉक्यूमेंट राइटर और न ही राजस्व जमा करने के लिए पीएनबी बैंक की सुविधा है। ऐसे में ज्यूरी में उपतहसील खुलने से क्षेत्रों की जनता को सुविधा मिलने लगी थी, लेकिन सरकार ने जनता को फिर से परेशानियों में डाल दिया है। लोगों ने मांग की है कि जनता की सुविधा के लिए ज्यूरी उपतहसील को जल्द बहाल किया जाए वही जघोरी गांव के निवासी यशपाल ने कहा कि जगोरी पंचायत दुर्गम क्षेत्र में है। ज्यूरी में उपतहसील कार्यालय खुलने से पंचायत के लोगों को फायदा मिल रहा था। मगर जगोरी के लोगों को छोटे-छोटे राजस्व विभाग से संबंधित कार्यों के लिए करीब 50 किलोमीटर दूर रामपुर में जाना पड़ रहा है।

By himachalpradeshlive

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