Breaking
Fri. Dec 5th, 2025

वैश्विक महापुरूष हैं डाॅ. अम्बेदकरः शिव प्रताप शुक्ल राज्यपाल ने डाॅ. अम्बेदकर की 133वीं जयंती समारोह की अध्यक्षता की

संवाददाता / शुभाष शर्मा

राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेदकर किसी एक वर्ग से संबंधित नहीं हैं अपितु समूची मानवता के प्रतीक हैं और वैश्विक महापुरूष हैं, जिनके द्वारा प्रदत्त समानता का संदेश आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है।
राज्यपाल ने कहा कि डाॅ. अम्बेदकर कहा करते थे कि ‘सबसे पहले और अंत में वह केवल भारतीय हैं।’राज्यपाल आज सोलन के कोठों स्थित कला केंद्र में भारत रत्न बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेदकर की 133वी जयंती समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अम्बेदकर भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार हैं, जिन्होंने देश को एक मज़बूत और एकजुट भारत का संविधान दिया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान को जब अपनाया गया था तब भारत के नागरिकों ने शांति, शिष्टता और प्रगति के साथ एक नए संवैधानिक, वैज्ञानिक, स्वराज्य और आधुनिक भारत में प्रवेश किया था। हमारा संविधान पूरी दुनिया के लिए अनोखा दस्तावेज है, जिसके लिए बाबा साहब के महान योगदान को हम भुला नहीं सकते। राज्यपाल ने कहा कि कुछ लोग अम्बेदकर को संसद की पहुंच से दूर रखना चाहते थे। लेकिन, देश की जनता ने उन्हें संसद भेजा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश की इस महान शख्सियत को वह स्थान दिया जिसके वे पात्र थे। बाबा साहेब से जुड़े तीर्थ स्थलों को ‘पंचतीर्थ’ के रूप में विकसित किया गया ताकि बाबा साहेब की स्मृतियां अमर रहें और भावी पीढ़ी उनके तप व त्याग से सीख ले सके। श्री शुक्ल ने कहा कि बाबा साहेब का कहना था कि बुद्धि का विकास ही सबसे महत्वपूर्ण विकास है। एक विकसित समाज के व्यक्ति को उतना व्यक्तिगत और पारिवारिक संघर्ष नहीं करना पड़ता जितना एक अविकसित समाज के व्यक्ति को करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि डाॅ. अम्बेदकर, एक उच्च शिक्षित व्यक्ति, प्रोफेसर, शिक्षाविद और एक अग्रणी वैश्विक विचारक थे। डाॅ. अम्बेदकर ने अपने जीवन में शिक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया और सदैव कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही मनुष्य समृद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का कहना था कि नैतिकता के बिना शिक्षा का मूल्य शून्य है। हमें अपने ज्ञान का उपयोग अपने भाइयों और बहनों के सुधार एवं प्रगति के लिए करना चाहिए, तभी भारत समृद्ध होगा।
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अम्बेदकर का समानता, सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संदेश आज अधिक प्रासंगिक है। उनका जीवन और कार्य दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित करता है। उनकी विरासत को हमेशा समाज के दबे-कुचले और वंचित वर्गों के लिए आशा की किरण के रूप में याद किया जाएगा।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें हिमाचल गौरव से सम्मानित डाॅ. कृष्णलाल सहगल, समाज सेवक कुलराकेश पंत, उर्दू के विद्वान डाॅ. योगराज, कला के क्षेत्र में टविंकल शर्मा तथा लगन सिंह शामिल थे। इससे पूर्व, सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री वीरेंद्र कश्यप ने राज्यपाल को सम्मानित किया तथा कहा कि राज्यपाल के अनुभव का लाभ प्रदेश को मिलेगा और प्रदेश के विकास में मार्गदर्शन उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि डाॅ. भीमराव अम्बेदकर ने देश को जो संविधान दिया उस पर 135 करोड़ देशवासी आगे बढ़ रहे हैं। वह केवल दलितों के ही मसीहा नहीं थे बल्कि उनका संदेश संपूर्ण मानव समाज के लिए था। उन्होंने कहा कि उनका संदेश आज अधिक प्रासंगिक है। वह महान अर्थशास्त्री, सामाजिक क्रांति के दूत और शिक्षाविद थे। उन्होंने महिलाओं के समान अधिकार के पक्ष में आवाज उठाई। सभी धर्मों के लोग उन्हें समान रूप से मानते हैं। सामाजिक दलित पीड़ित उत्थान संस्थान आपसी भाई-चारे के लिए कार्य कर रहा है। डाॅ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने इस अवसर पर कहा कि डाॅ. अम्बेदकर का ज्ञान, शोध, अनुसंधान और अनुभव हमें संविधान के रूप में मिला। उनके विचारों पर चल कर ही हम एक भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। शिवालिक-बाई-मैटल के प्रबंध निदेशक श्री नरेन्द्र सिंह घुम्मन ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि ज्ञान की शक्ति सबसे प्रबल है, जिसे अम्बेदकर ने सिद्ध किया। नगर निगम सोलन की महापौर श्रीमती पूनम ग्रोवर, सोलन के उपायुक्त श्री मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री वीरेन्द्र शर्मा, मशरूम अनुसंधान केंद्र के निदेशक डाॅ. वी.पी. शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

By himachalpradeshlive

We are the latest Himachal News Provider.

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *