संवाददाता / रंजीत डोगरा
नई दिल्ली, 04 मई :
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) का मानना है कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता अन्य देशों की तुलना में काफी अच्छी है। इसके बावजूद भी कुछ विदेशी संस्थाएं भारत को बदनाम करने की मंशा से ऐसी रिपोर्ट तैयार कर रही हैं जो न केवल झूठी है अपितु पूर्वाग्रही भी हैं। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट भी कमोबेश ऐसी ही है। इस रिपोर्ट में भारत को 181 देशों में 161 वें स्थान पर बताकर भारत को नीचा दिखाने का प्रयास किया गया है। यह ऐसी पहली रिपोर्ट नहीं है जिसमें यह विदेशी संस्थाएं ऐसे प्रयास करती दिखती हों। इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स में पूर्वाग्रही मानसिकता से भारत को कमजोर दिखाने का प्रयास हुआ है।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) के अध्यक्ष अशोक मलिक और महासचिव सुरेश शर्मा ने जारी एक बयान में कहा है कि रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट पूर्वाग्रही और भारत के विरुद्ध षड्यंत्र है। इसलिए हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। यदि भारतीय पत्रकारिता की वस्तुस्थिति का सही आकलन किया जाता तो रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था को स्थितियां कुछ अलग ही नजर आतीं। भारत में पत्रकारों की एक ऐसी फौज है जो देश की मौजूदा सरकार की तीखी आलोचना करती है। वे लोग सोशल मीडिया पर भी लगातार सरकार की आलोचना करते रहे हैं। कई समाचार चैनल, समाचार पत्र और वेबसाइट ऐसे हैं जो हर छोटे बड़े मुद्दे पर केंद्र की आलोचनाओं से भरे पड़े रहते हैं। इन आलोचनाओं में कोई ठोस बुनियादी आधार भी नजर नहीं आता। केंद्र की सरकार की ओर से इस प्रकार के संस्थान, जो सरकार विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं कभी किसी भी प्रकार की प्रत्यक्ष कार्यवाही नहीं की गई है। ऐसे में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की यह रिपोर्ट भारत के संदर्भ में आधारहीन, बेबुनियाद, तथ्यों से परे और पूर्वाग्रही नजर आती है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) ने रिपोर्ट की भर्त्सना करते हुए भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय से मांग की है कि वह इस रिपोर्ट का संज्ञान ले और इसके प्रति अपना कड़ा विरोध दर्ज कराए।