राजीव बहल,जोगिंदर नगर
अखंड भारत और मनुष्य जीवन में समरस्ता के लिए श्रीराम कथा का श्रवण बेहद जरूरी है। सनातन धर्म सभा मंदिर जोगिंदर नगर में आयोजित श्रीराम कथा के पहले दिन 1008 महामंडलेश्वर महात्मा श्री राम मोहन रामायणी ने कहा कि राम चरित्र को जीवन में धारण करने का सामर्थ्य होना बहुत जरूरी है। बताया कि यह कथा वह माध्यम है जिससे हम अपने मन को निर्मल बनाते हैं।
मर्यादा पुरूषोतम श्री राम कथा का श्रवण करना बड़े सौभाग्य की बात है। रविवार को शहर के सनातन धर्मसभा मंदिर में श्रीराम कथा का वर्णन करते हुए बताया कि जिसका चरित्र उतम है वह संसार में भी पूजनीय कहलाता है। सब मोह माया को छोड़ कर श्रीराम का सिमरन मौक्ष की प्राप्ति का एकमात्र विकल्प है। श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। जिसका सिमरन हर घर में होना मौजूदा परिवेश के लिए बेहद अनिवार्य है। दोपहर दो बजे से पांच बजे तक चली श्री राम कथा के श्रवण के लिए उपस्थित राम भक्तों को संबोधित करते हुए महात्मा रामायणी ने कहा कि राम कथा सुनने से हमे कई तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है।
पितृपक्ष की आत्मा शांति के लिए जोगेंद्रनगर शहर में आयोजित इस रामकथा में पितृ दोष निवारण अनुष्ठान भी हर रोज होगा। रविवार को श्री राम कथा के सिमरन के दौरान श्रद्धालुओं ने श्री राम के जयघोष भी लगाए। इस से पूर्व राम कथा समिति के प्रधान राजीव शर्मा व प्रवक्ता प्यार चंद वालिया और अन्य कमेटी सदस्य द्वारा मंदिर परिसर में पहुंचने पर कथा वाचक राम मोहनदास रामायणी का भव्य स्वागत किया।