राजीव बहल ब्यूरो
जोगिन्द्रनगर गांधी वाटिका के प्रस्तावित विकास कार्यो के अधर में लटकने को लेकर नगर परिषद की बार्ड पाषर्द शिखा ने चिंता जाहिर की है। उन्होनें कहा कि नगर परिषद इस वाटिका के सौंदर्या करण को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है।
उन्होनें कहा कि गांधी वाटिका के सौंदर्याकरण के लिये पिछली भाजपा सरकार के समय शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने 30 लाख रू की राशी मंजूर की थी। जब तक धन खर्च करने की प्रक्रिया शुरू होती इस बात को लेकर धन खर्च नहीं होने दिया गया तथा आपत्ति दर्ज करवायी गयी कि इस गांधी वाटिका की भूमि विकास विभाग के नाम है नगर परिषद के नहीं। पार्षद शिखा ने कहा कि उन्होनें इसके लिये भाजपा नेता पंकज जमवाल के माध्यम से यह मुद्वा तत्कालीन सीएम जय राम से उठाया जिस पर उन्होनें कार्यवाही करते हुये इस भूमि को नगर परिषद के नाम किया।
उन्होनें कहाकि गत लगभग 10 वर्षो में नगर परिषद गांधी वाटिका में इस धन राशी को खर्च नहीं कर पायी है। नगर परिषद द्वारा महज 15 लाख खर्च करने के बाद बाकी बचे कार्य के टेंडर ही नही लगाये जा रहे है। गांधी वाटिका में केवल कंक्रीट का कार्य ही किया गया लेकिन सेल्फी प्वाईट,कैफे हाऊस,झूले,सौर्दृय करण हेतू लगायी जाने वाली लाइटों के काम को शुरू नहीं किया जा रहा है। नगर परिषद में तमाम निर्माण कार्य रूक से गये है। उन्होनें कहा कि पुराने पंजाव नेशनल बैंक से कालेज की और जाने वाले पहाडी रास्ते को सुगम बनाने हेतू उन्होनें गत तीन वर्ष पहले डेढ लाख रू मंजूर करवाये थे लेकिन इस रास्ते का टेंडर भी नहीं लगाया जा रहा है। उन्होनें कहा कि जो.नगर नगर परिषद में हो रही राजनीति विकास कार्यो मेंं बाधा बन रही है।
उधर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी आदित्य चौहान ने कहा कि गांधी वाटिका तथा पहाडी रास्ते सहित अन्य टेंडर के प्राकलन तैयार करने के आदेश जारी कर दिये गये है उन्होनें कहा कि एक सप्ताह तक टेंडर लगा दिये जायेगें।