वीरेंद्र ठाकुर (बल्ह) :-मामला ग्राम पंचायत लोहारा का है। दिसंबर 2020 में ग्राम पंचायत के चुनाव हुए थे। जिसमें प्रधान पद के जो उम्मीदवार थे सभी ने अपने-अपने शपथ पत्र में चुनाव आयोग को लिखित में दिया था कि हम में से किसी ने भी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं किया है। लेकिन उस वक्त जो प्रधान पद के उम्मीदवार चुने गए पन्नालाल पुत्र स्वर्गीय साऊणु राम ने 30 – 40 साल पहले ही मुहाल रिंज में सरकारी भूमि खसरा नंबर 309 पर अवैध कब्जा करके इस पर रिहाईसी मकान और दुकान बना रखी है ।
जिसका पन्नालाल ने अपने शपथ पत्र में कोई जिक्र नहीं किया है और चुनाव आयोग को झूठा शपथ पत्र देकर गुमराह किया गया । इसी दौरान इसकी कंप्लेंट वकायदा तहसीलदार बल्ह को श्यामलाल और अन्य पांच लोगों द्वारा की गई थी।लेकिन इनको क्या पता की हम फिजूल में सर खफा रहें हैं।क्योंकि पन्ना लाल का रसूख इतना है की S .D.M. तहसीलदार, कानून गो पटवारी सब प्रधान के आगे पानी भरते हैं जिसका जीता जागता प्रमाण आपके सामने है। खैर खबर पुरी पढ़ लो तभी सचाई का पता लगाया जा सकता है और इस पर कार्यवाही करते हुए तहसीलदार ने कानूनगो नलसर और पटवारी हल्का लोहारा को मौका अनुसार इसकी रिपोर्ट तैयार करके मंगाई थी और यह रिपोर्ट तहसील दार को सौंप दी गई थी।
जिस पर तहसीलदार बल्ह ने अधिनियम 1954 की धारा 163 के अंतर्गत इस अवैध निर्माण को हटाने के आदेश दे दिए गए थे लेकिन इसके उपरांत प्रधान पन्नालाल ने उप मंडल अधिकारी नागरिक के पास याचिका दायर करके इस याचिका को उपमंडल अधिकारी नागरिक द्वारा मार्क करके तहसीलदार बल्ह को आपति के साथ लौटा दिया था कि उक्त भूमि की निशानदेही संबंधित पक्षों की उपस्थिति में मौके पर विताआयुक्त हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी हिदायतों के अनुरूप करके अपनी विस्तृत रिपोर्ट यथाशीघ्र दोबारा पेश करें।
नायाब तहसीलदार बल्ह द्वारा दिनांक 16 अगस्त 2022 को क्षेत्रीय कानून गो नलसर को कब्जा नाजायज की मिसल सहित दोबारा मौकानुसार निशान देही करने के आदेश किए थे । परंतु लगभग 1 वर्ष 10 महीने बीत जाने के उपरांत भी कानून गो नलसर तथा पटवारी हल्का लोहारा द्वारा कोई भी कार्यवाही ना करते हुए मामले को ठंडे बस्ते डाल दिया गया है और आगे देखिए प्रधान पन्ना लाल की कारगुजारी अभी हाल ही में पन्ना लाल द्वारा इसी सरकारी भूमि खसरा नंबर 309 पर अपने चचेरे भाई छोटू राम जिसकी पत्नी पंचायत सदस्य है।
श्रीमती रीता देवी प्रधान की सरपरस्ती में गौशाला का निर्माण करवा दिया गया। जिसके ऊपर मनरेगा के अंतर्गत रुपए 40536 खर्च हो चुके हैं। जो की सरकारी धन का दुरुपयोग है और इसकी शिकायत परभू राम ने B.D.O और S.D.M. को भी की थी लेकिन अभी तक कोई विभागिय कार्यवाही इस पर संतोष जनक नहीं हुई है। इसी रंजीश के चलते पंचायत प्रधान पन्नालाल ने बिना किसी कारण या बिना कोई छानबीन किए बगैर श्यामलाल को बीपीएल सूची से भी बाहर कर दिया जो की प्रधान की अपनी मनमर्जी थी ।
जबकि प्रार्थी कच्चे मकान में रहता है और प्रार्थी बीपीएल के लिए डिजर्व करता है। इन सब मामलों को जिला उपायुक्त मण्डी के पास भी दो दो बार रखा गया लेकिन वही ढांक के तीन पात। पहली बार आश्वासन मिला कि दस दिनों में मामला सौलब हो जायेगा लेकिन दस महीने तक कोई कार्यवाही नजर नहीं आई l फिर दोबारा उपायुक्त जी के पास जाने पर कहा गया कि यह मामला S.D.M लेबल का है तो कार्यवाही वंही से ही होगी। अतः अब आप ही बताइए की इस मामले की जांच किस विभाग से कराई जाय जो प्रधान की गुंडागर्दी से न डरते हो और इसकी निष्पक्ष जांच कर सके।इस मामले को हम हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी के ध्यान में लाना चाहते हैं I
मुख्य्मंत्री जी आप तो व्यवस्था परिवर्तन करना चाहते हैं । लेकिन अधिकारी आपकी व्यवस्था इस तरह से परिवर्तित करने पर तुले हुए हैं। अतः आपसे निवेदन करते हैं की इस मामले को प्रमुख्ता से लें और आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करें तथा विभागीय कार्यों को अनावश्यक रूप से लटकाने के लिए फील्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की कृपा करें ताकी लोगों को आपकी व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार में न्याय मिल सके।