गुथमगुथी के बीच एक दिन में 150 का ही हो सका पंजीकरण
पवन देवगन ठाकुर
नेरचौक,24 सितम्बर :
बल्ह पुलिस द्वारा प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों के पंजीकरण के लिए ट्रैफिक पुलिस बूथ नेरचौक में एक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें दिन भर में 150 लोगों का ही पंजीकरण हो सका। पंजीकरण में पुलिस के सहयोग के लिए हिमजन सेवा समिति व टैक्सी यूनियन नेरचौक का विशेष सहयोग रहा जिन्होंने पुलिस के साथ दिन भर प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज व फार्म भरने के लिए सहायता की। एसएचओ बल्ह पुरुषोत्तम धीमान ने बताया कि पंजीकरण के लिए काफी भीड़ एकत्रित हो गई थी लेकिन दस्तावेज पूरे न होने के कारण पंजीकरण कम हो पाया है।थाना प्रभारी बल्ह ने बताया कि कल से लगातार पुलिस थाना बल्ह में पंजीकरण किया जायेगा। सभी मकान मालिकों व प्रवासी किरायादारों को जानकारी सहित निर्देश दिए गए हैं कि सभी दस्तावेज पूरे कर पंजीकरण के लिए पहुंचे अन्यथा कार्य करने में परेशानी हो रही है।
जिला मुख्यालय में मस्जिद विवाद को लेकर उपजे विवाद के बाद व हिंदूवादी संगठनों के कड़े रुख के बाद आज नेरचौक बाजार में बल्ह पुलिस द्वारा लगाए गए पंजीकरण कैंप में एकाएक से बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर व उत्तराखंड के प्रवासी मजदूरों का हज्जूम पंजीकरण के लिए उमड़ आया। पंजीकरण के लिए इतनी अधिक मजदूरों की संख्या सामने आई कि पुलिस की सहायता के लिए टैक्सी यूनियन, स्वयं सहायता समूह सामने आए। इन सब के बावजूद सैकड़ो मजदूरों का पंजीकरण अभी भी नहीं हो पाया।
पुलिस थाना प्रभारी बल्ह पुरुषोत्तम धीमान ने बताया कि पंजीकरण को लेकर बल्ह पुलिस द्वारा पहले भी निर्देश दिए गए थे। कुछ लोगों ने पंजीकरण करवाया है लेकिन अधिकतर लोग पंजीकरण नही करवा रहे थे, न ही उनके मकान मालिक पंजीकरण के लिए आगे आ रहे थे। पुलिस अधीक्षक के सख्त आदेशों के बाद अब प्रवासी कामगार भारी संख्या में पंजीकरण के लिए आ रहे हैं इसी कारण भारी भीड़ हो रही है। कंट्रोल करने के लिए बार बार लाउड स्पीकर का सहारा लिया जा रहा है।
मंगलवार को यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर से आए मजदूरों का पंजीकरण किया गया है । बहुत से लोगों को पुलिस थाने में फिर से बुलाया गया है अधिकांश प्रवासी मजदूरों के मकान मालिकों ने एफिडेविट में यह बताया गया है कि मजदूर कुछ दिन पहले से ही उनके पास किराए में रह रहे हैं।
टैक्सी यूनियन के सदस्य हेतराम, तेजराम, विक्की, सोनू वालिया, खूब राम ने बताया कि पंजीकरण के लिए लोग इतनी ज्यादा संख्या में आए थे कि उन लोगों ने पुलिस की मदद करना अति आवश्यक समझा। अधिकांश मजदूर पड़े लिखे नहीं है तो उनके फार्म भरना, उनकी फोटो स्टेट करवाना तथा फॉर्म जमा करवाने के कार्य में वे दिन भर लगे रहे। इसके साथ चाय पानी की व्यवस्था, धूप से बचने के लिए टेंट भी लगवाया गया।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इन मजदूरों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है। अभी कुछ लोग ही पंजीकरण के लिए बाहर आ रहे हैं क्योंकि पुलिस ने इस मामले में अब सख्त रवैया अपनाया है।
“अधिकतर प्रवासी लोगों के आधार पर एक जनवरी की जन्मतिथि”
हर जगह यह देखा जा रहा है कि जो भी प्रवासी मजदूर, कामगार या ठेकेदार पंजीकरण करवा रहे हैं उनकी आधार कार्ड पर एक जनवरी ही जन्मतिथि अंकित की गई है। इस पर सभी परेशान हो रहे हैं। दिन भर एक जनवरी जन्मतिथि चर्चा का विषय बना रहा। बिहार, उत्तरप्रदेश के अधिकतर मजदूर ऐसे हैं जो अनपढ़ हैं उन्हे अपनी असली जन्मतिथि का पता नही है। उनका कहना है कि जब उन्होंने आधार कार्ड बनाया था तो जन्मतिथि पूछी गई जो मालूम न होने पर आधार कार्ड बनाने वालों ने अपनी मर्जी से यह लिखा होगा। लेकिन हमारा पता सही है। बिहार के मधेपुरा जिला के मुन्ना, विकास, संतोष कुमार, पवन, सरोज कुमार ने बताया कि जन्मतिथि को लेकर हमारी गलती नही है यह आधार कार्ड बनाने वाले की वजह से हुआ है।