संवाददाता / प्रदीप चंदेल
बिलासपुरहिमाचल प्रदेश का श्री नैना देवी जी पहला शक्तिपीठ है जोकि गर्भगृह से लेकर ऊपर गुंबद और अब बाहर से भी सोने का हो गया है और इस कार्य को समाज सेवी संस्था के द्वारा बखूबी कराया गया है ।लगभग 16 करोड रुपए मंदिर की इस स्वर्ण सजावट के ऊपर खर्च किया गया है ।जिसमें लगभग 5 किलो 500 ग्राम सोना और तांबा 596 किलो लगाया गया ।लगभग 596 कितने किलो तांबे के ऊपर सोने की परत चढ़ाई गई है ।दिल्ली की समाज सेवी संस्था के द्वारा यह कार्य किया गया है जिसे बनाने में गुजरात और राजस्थान के लगभग 50 कारीगर नवरात्र के दौरान दिन रात इस कार्य में लगे थे ।इससे पहले भी मंदिर की सजावट में स्वर्ण का कार्य पंजाब की समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा किया जाता रहा है सर्वप्रथम माता जी के मंदिर के स्वर्ण के गुंबद श्री नैना देवी लंगर कमेटी पंजाब की समाज सेवी संस्था के द्वारा लगाए गए थे।उसके पश्चात गर्भ गृह के अंदर लगभग 3 किलो सोना तांबे के ऊपर चढ़ाकर लुधियाना की समाज सेवी संस्था के द्वारा लगाया गया था।जबकि मंदिर के गर्भगृह में लगा चांदी का बड़ा छत्र रोपड़ की समाज सेवी संस्था के द्वारा लगाया गया है जिसका बजन 19 किलो 500 ग्राम है।मंदिर न्यास द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंदिर न्यास के अध्यक्ष धर्मपाल ने बताया की
मंदिर न्यास की देखरेख में यह कार्य हो रहा है माताजी के मंदिर में समय-समय पर विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं के द्वारा स्वर्ण का कार्य करवाया गया है और यह स्वर्ण तांबे की ऊपर चढ़ाया गया है जिसे कारीगरों ने बखूबी अंजाम दिया है और अब दूर दूर तक माता का यह मनमोहक मंदिर श्रद्धालुओं को खूब भाएगा।