संवाददाता/शुभाष शर्मा
मिशन लाइफ के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समरहिल एवं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बालूगंज में आज अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिम्कोस्ट), शिमला के पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम (ईआईएसीपी) पीसी-हब और हिमालयी वन अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित किया गया।
इस दौरान दौरान विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं। जैव विविधता संरक्षण के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने पर जागरूकता व्याख्यान दिया गया। पश्चिमी हिमालयी शीतोष्ण अर्बाेरेटम की यात्रा और से नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक विषय पर स्वच्छता अभियान का आयोजन पॉटर्स हिल समरहिल शिमला में किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला विज्ञान पर्यवेक्षक शिमला पंकज शर्मा ने की। उन्होंने विद्यार्थियों को मिशन लाइफ के तहत इस कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्य के बारे में अवगत कराया। उन्होंने यह भी कहा कि यह अवसर हमारे आसपास की जैव विविधता के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने का उचित अवसर है।
इसके बाद डॉ. एस.एस. रंधावा, प्रधान वैज्ञानिक अधिकारी एवं सह-समन्वयक ईआईएसीपी, हिमकोस्ट द्वारा छात्रों को देशभर में चल रहे मिशन लाइफ जागरूकता अभियानों के बारे में तथा मिशन लाइफ के 7 विषयों जैसे ऊर्जा की बचत, पानी की बचत, एकल उपयोग प्लास्टिक को ना कहें, सतत खाद्य प्रणालियों को अपनाना, अपशिष्ट कम करना, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना और ई-वेस्ट को कम करने के बारे में अवगत करवाया।
डॉ. विनीत जिष्टू, वैज्ञानिक, एचएफआरआई ने जैव विविधता संरक्षण के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जैव विविधता संसाधन बहुत कीमती हैं और उनका विवेकपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने वनस्पति जीवों की जैव विविधता पर भी ध्यान केंद्रित किया। उसके बाद एचएफआरआई, शिमला के अधिकारियों द्वारा पश्चिमी हिमालयी शीतोष्ण आर्बाेरेटम की यात्रा करवाई गई। उन्होंने स्कूली छात्रों को वनस्पतियों की विभिन्न किस्मों और हमारे दैनिक जीवन में उनके महत्व के बारे में बताया तथा यह भी बताया की इस आर्बाेरेटम में हिमालय क्षेत्रों की 150 प्रजातियों को संरक्षित करके रखा गया है।
इस कार्यक्रम के दौरान लगभग 150 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें छात्रों, अध्यापकों एवं एचएफआरआई और हिम्कोस्ट के अधिकारी मौजूद थे।