संवाददाता/सुभाष शर्मा
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत
एकीकृत मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पुनर्वास केंद्र के दल ने किया नौणी विवि का दौरा
इंडियन एसोसिएशन ऑफ मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (आई॰ए॰म॰डी॰) के जटोली स्तिथ एकीकृत मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पुनर्वास केंद्र के एक दल समूह ने बुधवार को डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का भ्रमण किया और परिसर में छात्रों और संकाय के साथ बातचीत की।
यह भ्रमण मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित लोगों के लिए आई॰ए॰एम॰डी॰ के व्यापक और आवासीय पुनर्वास कार्यक्रम का हिस्सा था। इसमें फिजियोथेरेपी,मेडिटेशन,परिवार और रोगियों की काउंसलिंग जैसे कार्यक्रम शामिल है। देश के विभिन्न हिस्सों के विभिन्न आयु समूहों के रोगियों सहित लगभग 105 लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। पूरे दिन के भ्रमण में सुबह कीवी ब्लॉक, बकेरी यूनिट सहित कॉलेज के दौरे से शुरू हुआ जहां विश्वविद्यालय के स्टाफ ने उन्हें सभी विभागों के बारे में जानकारी दी। इसके बाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संवाद केंद्र में छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जिसके बाद छात्रों ने सभी रोगियों और उनके परिवार के लोगों से बातचीत की।
शाम को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी केंद्र से आए सभी सदस्यों को फूल भेंट कर स्वागत किया और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के बारे में जागरूकता पैदा करने में एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन इस न्यूरोमस्कुलर जेनेटिक डिसऑर्डर से पीड़ित परिवारों और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक सराहनीय कार्य कर रहा। उन्होंने परिवारों के प्रयासों की भी सराहना की। प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि शिक्षा को सभी के लिए और अधिक सुलभ बनाने में संस्थानों को और अधिक जिम्मेदारियां लेने की जरूरत है, विशेष रूप से अक्षम लोगों के लिए।