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नौणी विश्वविद्यालय की आईडीपी परियोजना का प्रदर्शन शीर्ष श्रेणी में

संवाददाता/सुभाष शर्मा

नौणी विश्वविद्यालय की आईडीपी परियोजना का प्रदर्शन शीर्ष श्रेणी में

आईडीपी की समीक्षा कार्यशाला श्रीनगर में आयोजित

राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एन॰ए॰एच॰ई॰पी॰)-संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) की वार्षिक समीक्षा कार्यशाला हाल ही में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्रीनगर में आयोजित की गई। कार्यशाला में देश के विभिन्न राज्य कृषि और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालयों में चल रहे 22 आईडीपी परियोजनाओं की तकनीकी और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गई।

डीडीजी (शिक्षा) एवं एनएएचईपी के राष्ट्रीय निदेशक डॉ. आर सी अग्रवाल विभिन्न विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों वाली विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष रहे। डॉ. मनीष कुमार, डीन, औदयानिकी कॉलेज और आईडीपी के मुख्य समन्वयक डॉ. केके रैना ने कार्यशाला में भाग लिया और अपनी तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे आईडीपी परियोजना के सफल निष्पादन के लिए समिति द्वारा बहुत सराहा गया। आईडीपी-सोलन के प्रदर्शन को उच्चतम प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों के शीर्ष बैंड में शामिल किया गया, जिसमें तीन अन्य विश्वविद्यालय- शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, श्रीनगर, जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर और तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, चेन्नई भी शामिल था।

परियोजना की परिकल्पना स्नातक स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में वृद्धि के लिए की गई है। इस परियोजना के तहत, कुल 32 छात्रों ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बैंकॉक और 10 छात्रों के दूसरे बैच को वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में विदेशी एक्सपोजर पर भेजा गया है है जबकि 27 फैकल्टी ने यूके, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस जैसे विभिन्न देशों का दौरा किया है। इसके अतिरिक्त, स्मार्ट और वर्चुअल क्लासरूम, एक लैंग्वेज लैब, ओपन-एयर थिएटर, एक एलुमनी इंगेजमेंट सेंटर, ई-कार्ट्स, लॉन्ड्री, सोलर लाइट्स के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स और पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया ताकि सीखने के माहौल को बेहतर बनाया जा सके।

विवि के कुलपति कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने इस उपलब्धि के लिए आईडीपी टीम को बधाई दी और सभी निर्धारित लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए ठोस प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने सलाह दी कि विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाने के लिए परियोजना के सभी वित्तीय और तकनीकी लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जाना चाहिए।

By himachalpradeshlive

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