संवाददाता/शुभाष शर्मा
सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा सिरमौर के सनोरा पंचायत में मौसम आधारित कृषि-सलाहकार सेवाओं और फसल प्रबंधन में उनके उपयोग विषय पर किसान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह शिविर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया था।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जागरूक करना और इसका उपयोग करने की उनकी क्षमता को बढ़ा कर वैज्ञानिक सलाह के अनुसार उनकी खेती के तरीकों को विनियमित करना था। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. एमएस जांगड़ा ने किसानों को मौसम आधारित कृषि-सलाहकार सेवाओं के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा सप्ताह में दो बार मौसम पूर्वानुमान और अगले पांच दिनों के लिए कृषि मौसम संबंधी परामर्श बुलेटिन तैयार कर जारी किया जा रहा है।
ये सलाह एस॰एम॰एस॰ और विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि तीन जिलों (सोलन, शिमला और सिरमौर) के लगभग 2 लाख किसानों को एम॰किसान पोर्टल के माध्यम से मैसेज प्राप्त हो रहे हैं। डॉ. जांगड़ा ने कहा कि कृषि मौसम सलाहकार सेवाओं का प्रभावी उपयोग खेती की लागत को कम करने और किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
इस अवसर पर डॉ. पूर्णिमा मेहता ने किसानों को नए लॉन्च किए गए ‘मेघदूत’ मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में विस्तार से बताया और किसानों के बीच इसके उपयोग का प्रदर्शन किया। उन्होंने आईएमडी द्वारा विकसित इस एप्लिकेशन के लाभों के बारे में बताया और अनुरोध किया कि किसानों को अपनी कृषि के लिए इसका उपयोग अवश्य करना चाहिए। प्रतिभागियों के फोन में मोबाइल एप्लिकेशन भी इंस्टॉल किया गया।
विश्वविद्यालय की टीम ने प्रतिभागियों और पंचायत प्रतिनिधियों प्रधान विद्यानंद और उपप्रधान विक्रम का धन्यवाद किया और उन्हें आश्वासन दिया कि इस तरह के कार्यक्रम प्रसार तंत्र में सुधार और प्रतिक्रिया तंत्र के विकास के लिए आयोजित किए जाएंगे। इस मौके पर किसानों को साहित्य और ग्रीष्मकालीन सब्जियों का बीज किट भी प्रदान किया गया।