प्रवीण कुमार (संवाददाता)
जवाली,21 सितम्बर:
पौंग झील किनारे खाली जमीन पर वन्य प्राणी विभाग द्वारा बिजाई को प्रतिबंधित करने पर सिद्धाथा, हरसर, घाड़जरोट, नगरोटा सूरियां के किसानों ने पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा तथा कुलबन्त सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को किसानों ने हरसर में मीटिंग की तथा बिजाई को लेकर रणनीति बनाई। किसान शेर सिंह, सुनील कुमार, तेजिंदर सिंह गोल्डी सहित अन्य ने कहा कि पौग डैम बनने का कारण हज़ारो पौंग बांध विस्थापितों ने अपनी बहुमूल्य जमीने बीबीएमबी को दी थी न कि वन्य प्राणी विभाग को । समझौते के अनुसार जो परिवार पोंग डैम बनने के कारण विस्थापित हुए उन्हें राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में मुरबे अलॉट होने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, सरकार ने गंगानगर जिले के बजाय पोंग डैम विस्थापितों को राजस्थान के जैसलमेर और बीकानेर जिले की बंजर पड़ी जमीन पर मुरबे अलॉट कर दिए, जहां पर बिजली पानी और सड़क का दूर-दूर तक कोई नामो निशान नहीं है और जो जमीन जहां हिमाचल में बाकि बचती थी, उस पर भी खेती करने पर वन्य प्राणी विभाग ने प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में इन पोंग विस्थापितों की रोजी रोटी पर भी संकट मंडरा रहा है l किसानो ने कहा कि वन्य प्राणी विभाग जबरन इस खाली जमीन पर अपना हक जमा रहा है और किसानो को खेती करने से रोक रहा है जिसको सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झील किनारे खाली जमीन पर बिजाई करने से जहां किसान गेहूं की पैदावार करते हैं तो वहीं पशुओं को चारा भी मिलता है। खाद खरीदने से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है तथा प्रवासी पक्षियों को दाना मिलता है। उन्होंने कहा कि मिलखी राम शर्मा सहित अन्य अगर पौग विस्थापितों के हितैषी हैं तो पौंग बांध विस्थापितों को राजस्थान में मरब्बे अलाट करवाएं। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती करने से जबरन डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारें भी मूकदर्शक बनी हुई हैं। आज कोई भी किसानों की लड़ाई में सामने नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि हम मिलखी राम शर्मा सहित अन्य के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे तथा कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर राकेश कुमार, पंकज खट्टा, राकेश कुमार, तिलक राज, स्वर्ण सिंह, ध्यान सिंह, विनोद कुमार, बिट्टू, विजय कुमार सहित काफी किसान मौजूद रहे।