रामपुर बुशहर/ मोनिका ठाकुर
शिमला जिला के ऊपरी क्षेत्र नारकंडा ,संधू व आसपास से लावारिस छोड़े गए पशुओं को आश्रय देने के प्रयास तेज हो गए हैं। पशुपालन विभाग की ओर से बुधवार को केल्वी पंचायत से एक ट्रक भर कर भद्राश गौशाला में पशुओं को भेजा गया । दूसरी ओर गीता महिमा गौशाला नोगली, दतनगर व भद्राश संचालकों ने नारकंडा और ओडी आस पास से एक ट्रक भर कर अपने गौशाला में पशु लाए है। ताकि बर्फबारी के दौरान पशुओं को ठंड व बर्फ के मध्य बेमौत मरने से बचाया जा सके। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक शिमला के आग्रह पर केल्वी पंचायत से भी पशु भद्राश लाए गए। गौशाला संचालकों ने बताया कि जर्सी नस्ल की गायों को जबरन विभागीय स्तर पर गौशाला भेजा जा रहा है। जिससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह जर्सी नस्ल की गायों को गौशालाओं में भेजे जाने से पहले से गौशालाओं में रखे गए पशुओं की देखभाल दिक्कत आ रही है। अगर इस तरह जबरन पशुओं को थोपा जाता है तो उन्हें गौ शालाओं को चलाना मुश्किल हो जायेगा। पहले ही उनके पास संसाधन कम होने से पशुओं की देखभाल में दिक्कते आ रही है । इस तरह से पशुओं को भेजे जाने से समस्या और विकराल हो रही है । खासकर उनके पास जर्सी नस्ल के पशुओं को संरक्षण देने के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। गीता महिमा गौशाला के प्रधान विशेषर नेगी, सचिव राम सिंह नेगी, रोशन चौधरी, उमा दत्त, मनोज अग्रवाल आदि ने विभाग से भी निवेदन किया है कि इससे उनका सारी व्यवस्था गड़बड़ा रही है। ऐसे में विभाग अपने सिर से भला टालने के लिए गौ शाला संचालकों पर बोझ न थोपे। उन्होंने बताए बुध वार को भी समाज सेवी आरती शर्मा के सहयोग से बर्फ वाले स्थानों से लावारिस पशुओं को एकत्रित कर भद्राश गौ शाला लाया गया। उन्होंने बताया की वे पहाड़ी गऊओ को आश्रय दे रहे है अगर विभाग इस तरह जर्सी पशुओं को भी रखवाता है तो मुश्किल खड़ी होगी। पशुपालन विभाग अथवा गौ सेवा आयोग ने उन्हे गाउओ को रखने के लिए आश्रय बनाने के लिए अब तक एक रुपया भी नही दिया है। जब की बर्फबारी के दौरान पूर्व के वर्षों में भी गौ शाला संचलको को सहायता के बड़े बड़े वादे किए गए।
उन्होंने कहा इस तरह से व्यवस्था चलती रही तो उन्हे वर्तमान में गौशाला में रखे गए पशुओं को भी पर भी संकट आ सकता है। उन्होंने निवेदन किया है कि पशुपालन विभाग ऐसे पशुओं को रखने व देख रेख़ के लिए आर्थिक सहयोग करे ताकि सर्दियों में उनका पालन ठीक से हो सके।