ब्यूरो शिमला/संजय सिंह
रामपुर बुशहर: रामपुर में मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए चिट्टा रखने के दोषियों को 10 साल का सशक्त कारावास व तीनों को एक एक लाख रुपय जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। मुकदमा की पैरवी उप जिला न्यायवादी कमल चंद व उप जिला न्यायवादी केएम जरयाल ने की। उन्होंने बताया कि गणेश चंद उर्फ गुड्डू 35 वर्ष पुत्र बीरबल गांव शटलदार जिला कुल्लू,भूपेंद्र उर्फ़ पीके 28 वर्ष पुत्र चरण दास गांव खनेरी जिला शिमला व विनोद उर्फ 38वर्ष गोबी पुत्र शावनू राम गांव राजपुरा, जिला शिमला को वह सजा सुनाई गई है। फैसले की जानकारी देते हुए उप जिला न्याय वादी कमल चंदेल ने बताया कि 13 अक्टूबर 2019 को जब पुलिस पार्टी ने निरथ में नाका लगा रखा था तो रात के समय 1:20 बजे पर सेंज की तरफ से एक गाड़ी आई। पुलिस ने ड्राइवर से गाड़ी के कागजात मांगे तो वह लाइसेंस पेश ना कर सका।पुलिस को इस दौरान अवैध वस्तु का शक हुआ और उपप्रधान प्रेम सिंह को मौके पर लाया गया। उनके सामने गाड़ी की तलाशी ली गई तो गाड़ी में एक प्लास्टिक थैली में भूरे रंग का प्रदार्थ यानी चिट्टा बरामद हुआ जो कि तोलने पर 49 ग्राम पाया गया। इस बारे में पुलिस थाना रामपुर में अभियोग दर्ज किया गया तथा तफ्तीश पूरी होने पर चालान अदालत पर पेश किया गया। जहां पर कुल 11 गवाहों के बयान कलमबंद किए गए। दोनों पक्षों को दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपरोक्त सभी दोषियों को चिता रखने व बेचने का दोषी पाया और प्रत्येक को 10 वर्ष व कुल तीन लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई।